हिंदुत्व की तुलना कट्टर इस्लाम से करने पर सियासी बवाल-सलमान खुर्शीद…
राजनीति के दमखम को दिखाने के लिए कौन नही अपनी चाले चलता हैं। कोइ तुष्टिकरण की राजनीति से तो कोई अपने निजी सियासी स्वार्थ से । ऐसा ही कुछ पूर्व कानून मंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी एक किताब के जरिये से किया।
उन्होंने अपनी नई किताब “Sunrise Over Ayodhya” में हिंदुत्व की तुलना सीधे सीधे कट्टर इस्लामिक संगठन और बोको हरम से की। उनकी इस विवादित हरकत से जो राजनीति सियासत में बवाल मचा हुआ हैं उसका रुख किस परिणाम की ओर जाएगा यह कहना मुश्किल हैं।
वही दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के प्रमुक नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस पर अपना विरोध प्रकट कर इसे गलत बताया हैं उन्होंने कहाँ हैं- कि हिंदुत्व की इस प्रकार से इस्लामिक स्टेट से तुलना कर सरासर रूप से गलत हैं।
जिस तरीके से 2022 के विधानसभा चुनाव का बिगुल जोर सोर से बज चुका हैं, ऐसे में ऐसे विवादित संस्करणों को समाज के सामने प्रस्तुत होना एक नए पहेलु को जन्म देता हैं। वही दूसरी ओर कांग्रेस के विपक्षी दल शिव सेना व भारतीय जनता पार्टी ने इस बात की कड़ी निंदा की हैं।
क्या हैं पूरा मामला?
श्री राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आये निर्णायक फैसले के आधार पर जो सलमान खुर्शीद की नवीन किताब “Sunrise Over Ayodhya” का संस्करण सामने आया हैं। उसमें उनके द्वारा हिंदुत्व की तुलना कथित तौर ओर ISIS से की गई हैं। इस किताब की रेलीसिंग कांग्रेस नेता पी चिदंबरम व दिग्विजय सिंह की उपस्थिति में हुई।
खुर्शीद की इस किताब में सीधा निशाना हिंदुत्व पर साझा गया हैं जिसका वर्णन पृष्ठ संख्या- 113 में किया गया हैं।
इस किताब के 113 पृष्ठ पर आधारित पाठ; सैफरन स्काई ओर वो लिखते हैं।
“Hindutva is similar to the jihadi at Islamia groups like ISIS and Boko Haram“.
हालांकि, दिल्ली के दो मशहूर वकीलों ने उन्हें इस विवादित माहौल को रूप देने की साजिश में कठघरे में लाने के लिए कदम उठा दिया हैं।
विवेक गर्ग ओर विनीत जिंदल नामक दो वकीलों ने सलमान खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस के समक्ष तहरीर जारी कर दी हैं। जिसमे उनका कहना हैं कि सलमान खुर्शीद का इस तरीके से हिंदुत्व के खिलाफ संस्करण जारी करना उनकी मानशिकता को दर्शाता हैं। आतंकी संगठनों से हिंदुत्व की तुलना करने से न केवल हिन्दू धर्म को ठेश पहुचाई गयी हैं बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता पर भी सीधा सीधा प्रश्नचिन्ह लगाया हैं।
विवादों से भरी इस किताब ने सियासी बवाल को तो रूप दे दिया हैं परंतु इसके असर कांग्रेस पार्टी पर किस दिशा में होगा यह कहना अभी सरल नही हैं। इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में गाय को माता कहने पर भी अपनी राय दी हैं उन्होंने कहाँ-
हिंदुत्व शब्द को महज एक भृम पैदा करने के लिए उपयोग में लाया गया हैं।
सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह व पार्टी के अन्य नेताओं की तरफ से जिस प्रकार से सत्ता की भूख को ध्यान में रखते कदम उठाए जा रहे हैं। उनके आंकलन की दृष्टि सोनिया गांधी पर भी प्रदर्शित होती हैं। वही कुछ प्रमुख श्रोतो का रुक हैं कि खुर्शीद की इस विवादित साजिस के पीछे कहि न कही उनका हाथ हैं। ऐसे में सटीक तथ्य को भांपना एक विषम विषय हैं।
सलमान खुर्शीद की इस किताब ने जो सियासी बवाल खड़ा किया हैं उसपर हर एक पक्ष विपक्ष के नेता की अपनी अपनी राय हैं। कोई खुल के समर्थन में हैं, तो कोई इसकी कड़ी निंदा कर रहा हैं।
ऐसे में मध्यप्रदेश के एक मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना हैं, कि सलमान खुर्शीद की इस किताब का प्रकाशित होना सीधे तौर पर विवाद को बढ़ावा देना हैं। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस पक्ष को दोषी मानते हुए उनकी मिलीभगत को टुकड़े टुकड़े गैंग से जोड़ा हैं। उन्होंने कहाँ- धर्मो को विभाजित करने की इस सियासी चाल का हिस्सा ही यह किताब का शीर्षक हैं।
अब ऐसे में सलमान खुर्शीद के ये कदम किस ओर जाते हैं इसका अनुमान लगाना अभी सम्भव नही हैं। परंतु उनकी इस किताब से जो सियासी भिंड़त उतपन्न हुई हैं। उसका फायदा किस पक्ष को मिलता हैं यह आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता हैं। सूत्रों के अनुसार सलमान खुर्शीद पर केस दर्ज किया जा चुका हैं। इस पर क्या फैसला आता हैं यह देखना बाकी हैं।