सत्ता पक्ष ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति क्यों चुना
द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं और पहली भारतिय महिला राष्ट्रपति है जो की भारतिय आदिवासी है। हाल ही में सुबाह 10:00 बजे मुर्मू संसद भवन के सेंट्रल पहुंची जहां पर उन्होंने सर्वोच संवेंदानिक राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की राष्ट्रपति शपथ ग्रहण के बाद द्रौपदी मुर्मू ने देश के विकास को सर्वोपरि रखकर निश्पक्ष रूप से कार्य करने का निर्णय लिया।
द्रौपदी ने राष्ट्रपति शपथ के बाद में बताया की मैं जिस क्षेत्र से आती हूं वह क्षेत्र आदिवासियों का क्षेत्र है वहां पर प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करना बड़े सौभाग्य की बात है और एक महिला का सौभाग्य है।
द्रौपदी मुर्मू ने निश्पक्ष रूप से देश के हित में ली शपथ
द्रौपदी मुर्मू ने बताया की सभी गरीब बिछड़े उनका प्रतिबिम्ब हैं वह भारत के सभी युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती है की वह देश के हिट में कार्य करेंगीं। राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि मैं एक ऐसी महिला हूं। जिसने हाल ही में राष्ट्रपति पद की शपथ ली है जो एक आजाद देश में जन्मी है हमारे देश के स्वतंत्र सेनानियों ने भारत की उन्नति और विकास की जो उम्मीदें लगाई थी,
मैं उन्हें संपूर्ण रूप से पूरा करने का प्रयास करूंगी मुर्मू ने बता की देश के गरीब युवावों महिलाओं के हिट में कार्य करेंगीं और निश्पक्ष रूप से देश के हिट में और जनता के हिट में कार्य करेंगीं। मुर्मू ने राष्ट्रपति पद को देश के सभी गरीबों की उपलब्धि बताया है, और कहा कि उनके राष्ट्रपति बनने पर अब कोई भी गरीब अपने सपनों को जल्द पूरा कर सकता है।
कौन है राष्ट्रपति मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 में उड़ीसा के मयूरगंज के एक गांव में हुआ था उनके पिता का नाम विंची नारायण टुडू था। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही गांव के प्रधान रह चुके थे द्रौपदी मुर्मू ने पढ़ाई के बाद एक अध्यापिका के रूप में व्यवसायिक जीवन को आरंभ कर धीरे-धीरे राजनीति में प्रवेश किया।
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द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू था उनके दो बेटे और एक बेटी थी उनकी पुत्री विवाहित है और भुवनेश्वर में रहती है।
द्रौपदी मुर्मू का राजनितिक जीवन
द्रोपदी मुर्मू ने भाजपा के जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष पद के रूप में भी कार्य किया साथ ही आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं द्रौपदी मुर्मू भाजपा के टिकट से दो बार विधायक भी जीत चुकी हैं।
झारखंड की पहली महिला भी द्रौपदी मुर्मू ही रही और साथ ही भारतीय राज्यपाल की पहली आदिवासी महिला भी बनी, 24 जून 2022 में अपना राष्ट्रपति पद का नामांकन पीएम मोदी और राजनाथ सिंह व अन्य नेताओं की उपस्थिति में दर्ज किया।