Hate Speech in Media: मीडिया की हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट …..
Hate Speech in Media: एक समय ऐसा था की देश में मीडिया जनता को देश और दुनिया से जुड़ी सच्ची खबर दिखाता था। और जनता को सही जानकारी प्राप्त होती थी।
लेकिन आज के समय में ऐसा कुछ नहीं है। आज देश की मीडिया जनता को सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की ही न्यूज दिखाता है। मीडिया का काम अब सिर्फ और सिर्फ हिंदू मुस्लिम करके नफरत को फ़ैलाने का कर रही है।
मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों को भाजपा सरकार का विरोध करने और योगी और मोदी से जुड़ी सच्ची खबर दिखाने से मना किया जाता है। यदि अगर पत्रकार विरोध करें तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता हैं।
हाल ही एक NEWS NATION के एक पत्रकार ने न्यूज चैनल से इस्तीफ़ा देने के बाद बताया की सत्ता में बैठी सरकारें हर माह लाखो रुपए इन सभी न्यूज चैनल को देती हैं। ताकि वो उनका प्रचार करें और समाज में हिंदू मुस्लिम करें।
मीडिया के नफरती डिबेट को देख सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
भारत में आज मीडिया डिबेट के माध्यम से हिन्दू और मुसलमान को टारगेट कर के जिस प्रकार से नफरत फैलाई जा रही है। उस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है।
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की इस तरह से मीडिया समाज और माहौल को खराब करने का निरन्तर प्रयास कर रहा है। लेकिन इस पर कोई विचार और कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है। मीडिया की इस स्पीच से देश पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
केंद्र सरकार मीडिया की इस हरकत पर चुप क्यों हैं। सुप्रीम कोर्ट के अब तक 11 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विचार किया है। और इस तरह के नफरत फ़ैलाने वाले चैनल्स और सोशल मीडिया पोस्ट पर रोक लगाने को कहा है।
लाइव लॉ को लेकर कोर्ट के बोल
सुप्रिम कोर्ट ने लाइव लॉ के चलते Hate Speech in Media पर अपशब्द और गाली ग्लौच जैसी भाषा पर चिंता जताई और कहा की किसी न्यूज के एंकर नफ़रत न फैलाएं और न ही अपने डिबेट में अपशब्दों का इस्तमाल करने वाले लोगों को आमंत्रित न करें, ताकि देश में शांति का माहोल बना रहे।
क्योंकि आज के समय में देश में सोशल मीडिया और टीवी चैनल्स के माध्यम से जनता को उकसाने का प्रयास किया जा रहा है ऐसे में इस तरह के मुद्दों को रोकना अनिवार्य है।