क्या है अग्निपथ योजना: पढ़ें पूरी ख़बर
यह देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देता है। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा और युवा कुछ समय के लिये सेना में भर्ती हो सकेंगे।
नई योजना के तहत लगभग 45,000 से 50,000 सैनिकों की सालाना भर्ती की जाएगी और अधिकांश केवल चार वर्षों में सेवा छोड़ देंगे।
हालांँकि चार साल के बाद बैच के केवल 25% को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में वापस भर्ती किया जाएगा।
सरकार ने बताए अग्निपथ योजना के लाभ:
सेवा के 4 वर्ष पूरे होने पर अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपए का एकमुश्त ‘सेवा निधि’ पैकेज का भुगतान किया जाएगा जिसमें उनका अर्जित ब्याज शामिल होगा। उन्हें चार साल के लिये 48 लाख रुपए का जीवन बीमा कवर भी मिलेगा। मृत्यु के मामले में भुगतान न किये गए कार्यकाल के लिये वेतन सहित 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि होगी।
सरकार चार साल बाद सेवा छोड़ने वाले सैनिकों के पुनर्वास में मदद करेगी। उन्हें स्किल सर्टिफिकेट और ब्रिज कोर्स (Bridge Courses) प्रदान किये जाएंँगे।
हो सकता है की अग्निपथ योजना पर सरकार गलत हो लेकिन विरोध की आड़ में ये आगजनी कितनी सही मानी जाए देश हुकुमरानों के फैसलें देश को अलग ही आग में झोंक रहे हैं देश भर के करोड़ों युवा भड़के हुए हैं जो सड़को पर घूम रहे हैं
रेलवे की दर्जनों ट्रेनें कैंसल, संपत्ति को भारी नुकसान
जगह-जगह प्रदर्शनों के कारण 34 से अधिक ट्रेनों को कैंसल कर दिया गया जबकि आठ अन्य ट्रेनों को आंशिक रूप से कैंसल किया गया। रेलवे ने कहा कि कम-से-कम 72 ट्रेनें इन प्रदर्शनों के कारण अपने नियत समय से देरी से चल रही हैं। अकेले मध्य पूर्व रेलवे जोन में ही 22 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। बिहार के छपरा, गोपालगंज, कैमूर और गया में ट्रेनों में आग लगा दी गई जिससे कई बोगियां जलकर खाक हो गईं।
वहीं खबर ग्वालियर से सामने आई है
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ बृहस्पतिवार को ग्वालियर से बिरला नगर रेलवे स्टेशन तक बवाल रहा। युवकों की भीड़ ने ग्वालियर में कई जगह बवाल काटा। रेलवे स्टेशन के पास की कई दुकानों में आग लगा दी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो पथराव कर दिया।
पहले पुलिस ने लाठियां फटकारकर युवकों को दौड़ाने की कोशिश की लेकिन जब नियंत्रित नहीं हुए पुलिस ने उपद्रवियों को काबू करने के लिए आंसू गैस छोड़ी। इसी बीच कुछ युवकों की भीड़ ग्वालियर के बिरला नगर स्टेशन पर पहुंच गई और यहां तोड़फोड़ कर दी। ट्रैक पर जलते टायर फेंके गए। यहां से दौड़ाए गए उपद्रवियों ने बिरला नगर स्टेशन से आगे इंटरसिटी एक्सप्रेस पर पथराव कर दिया।
दोपहर करीब बारह बजे सेना की भर्ती की तैयारी करने वाले युवक बड़ी संख्या में ग्वालियर के गोला का मंदिर के पास जुट गए। एकत्रित छात्रों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। यहां सड़क को जाम कर दिया। कुछ स्थानीय लोगों ने रोकने की कोशिश की तो उनके साथ मारपीट की गई।
इतना ही नहीं उपद्रवियों ने स्टेशन के पास की छह दुकानों को आग के हवाले कर दिया। बवाल की सूचना से इलाके में दहशत फैल गई। कुछ ही देर में पूरा बाजार बंद हो गया। आगजनी और पथराव की सूचना मिलने पर भारी पुलिस बल यहां बुला लिया गया। पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
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बाद में पुलिस ने आंसू गैस छोड़कर उपद्रवियों को काबू करने की कोशिश की। इसमें चार पुलिस कर्मियों समेत एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों के चोटिल होने की खबर है। जब यहां भारी पुलिस फोर्स पहुंच गया तब उपद्रवियों का एक जत्था बिलरा नगर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। यहां भी तोड़फोड़ शुरू कर दी गई।
स्टेशन मास्टर के कक्ष में घुसकर भी तोड़फोड़ की गई। कुर्सियां, बेंच और वाटर कूलर तोड़ दिए गए। पुलिस ने यहां से उपद्रवियों को खदेड़ा तो थोड़ा आगे जाकर इंटरसिटी एक्सप्रेस पर पथराव कर दिया। कई कोच के शीशे टूट गए। पुलिस का कहना है वीडियो फुटेज के आधार पर शिनाख्त कराई जा रही है। गिरफ्तारी के लिए टीम भी लगाई गई है। हंगामे को देखते हुए ग्वालियर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सीमावर्ती इलाकों में भी चेकिंग कराई जा रही है।
उत्तर प्रदेश भी पीछे नहीं रहा :
अग्निपथ योजना से असंतुष्ट युवा गुरुवार को मेरठ, आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद में सड़कों पर उतर आए। जगह-जगह जाम लगाए। प्रदर्शन किया। टायरों में आग लगा दी। पुलिस से भिड़ंत भी हुई। कई जगह पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर युवाओं को दौड़ाया। मेरठ में छात्रों ने ऐलान किया है कि अगर तीन दिन में अग्निपथ योजना वापस नहीं ली गई तो वे 20 जून को दिल्ली कूच करेंगे।
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मथुरा में युवाओं ने आगरा-दिल्ली हाइवे पर जाम लगा दिया। पुलिस ने किसी तरह समझाकर ट्रैफिक दोबारा शुरू करवाया। आगरा में भी अलग-अलग रास्तों को प्रदर्शनकारियों ने बंद कराया। अलीगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने बसों की शीशे तोड़े और सड़क पर टायरों में आग लगाई। इसके साथ राजस्थान , उत्तराखंड , जम्मूकश्मीर हिमांचल जैसे कई राज्यों में विरोध देखने को मिला
पूर्व कोर कमांडर सतीश दुआ लिखते हैं:-
इसके जरिए सरकार की मंशा सोसायटी में एक्स-सोल्जर्स का फैलाव करने की भी है। इससे सामाजिक गुणवत्ता बढ़ने की संभावना है। लेकिन ऐसा करने के लिए जरूरी है कि, इन युवाओं को रोजगार के सही अवसर दिए जाएं वरना एक बेरोजगार ट्रेंड सोल्जर सोसायटी के लिए खतरा भी बन सकता है।
अग्निवीर को एक फुल टाइम सोल्जर की तरह सौहार्द, लॉयल्टी और मोटिवेट करना भी चुनौती हो सकती है। जवान अपनी ‘पल्टन की इज्जत’ और नाम यानी रेजीमेंट, नमक मतलब देश और निशान मतलब पलटन का झंडा के लिए जान दे देता है।
हालांकि मुझे यकीन है कि, सेना का नेतृत्व असाधारण गुणवत्ता वाला है और वे बहुत ही जल्दी नई परिस्थितियों में खुद को ढाल लेंगे। जरूरत पड़ने पर सरकार मध्यक्रम में सुधार करने के लिए भी सहमत है। यह स्वाग्तयोग्य कदम है।
नए रिफॉर्म का स्वाग्त करते हुए इन्हें आजमाना चाहिए। जरूरत पड़ने पर संशोधन किए जा सकते हैं। सेना के नेतृत्व पर इसे बिना बैलेंस बिगाड़े लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी है। क्योंकि हम दोनों पड़ोसी हमारे लिए चुनौती हैं, जो न्यूक्लियर पावर से लैस हैं।