10वीं और 12वीं का रिजल्ट आने के बाद तीन जिलों से सुसाइड की खबरें
जब परीक्षा परिणाम आने को होते तो सभी छात्र छात्राएं इसी कश्मकस होते की उनका रिजल्ट्स कैसा होगा ये परिणाम वाला दिन कइयों के घर में मिठाई के साथ खुशियां लाता है तो वहीं कइयों के यहां जनाजे के साथ दुखों का पहाड़ , हमारे मां बाप अभी तक बच्चों को इतना नहीं सिखा पाए की फैल होना कभी जिंदगी में फेल होना नहीं होता है
उन्हें यही सिखाया जाता की आप फेल हो गए मतलब अपने जीवन में भी फेल हो गए और कम समझदार बच्चे मौत को गले लगा लेते हैं कल से चर्चाएं चल रही है किसने टॉप किया कितने छात्र किस प्रतिशत से पास हुए किसी गौर किया की हर ज़िले से 1 से 2 छात्रों ने सुसाइड किया है इसका जिम्मेदार कौन हैं मैं व्यक्तिगत तौर पर कहता हूं की इसका जिम्मेदार माता पिता और आज का समाज है
सभी सुसाइड करने वालों की जानकारी उपलब्ध कराना तो मुश्किल है लेकिन एक दो छात्रों की जानाकारी इकठ्ठा की है यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट आने के बाद तीन जिलों से सुसाइड की खबरें सामने आई हैं। बात पहले सीतापुर की। यहां एक इंटर की छात्रा ने इसलिए नदी में छलांग लगा दी कि उसके नंबर कम आए थे। उसके 81% नंबर थे।
सिद्धार्थनगर में एक छात्रा ने 10वीं की परीक्षा में फेल होने के बाद सुसाइड कर लिया
वहीं, हमीरपुर में एक छात्र ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। छात्र इंटर की परीक्षा में फेल होने से दुखी था। जबकि सिद्धार्थनगर में एक छात्रा ने 10वीं की परीक्षा में फेल होने के बाद सुसाइड कर लिया। बच्चों के इस आत्मघाती कदम से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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सीतापुर की रहने वाली 17 साल की गरिमा महमूदाबाद कस्बे के एक विद्यालय की इंटरमीडिएट की छात्रा थी। उसे 81% नंबर मिले थे। रविवार की सुबह गरिमा रोज की तरह कोचिंग जाने के लिए सुबह 8 बजे निकली। गरिमा साइकिल से लैलकलां गांव के पास पहुंची। जहां उसने अपना कोचिंग वाला बैग और साइकिल छोड़ दिया। उसके बाद शारदा नदी में छलांग लगा दी। लोगों ने उसके बैग में मिले कागजों को चेक किया। उसके बाद फोन पर जानकारी दी। गोताखोरों की मदद से गरीमा की तलाश की जा रही है।
गरिमा के पिता गिरीशचंद्र वर्मा ने बताया कि शनिवार को उसका रिजल्ट आया था। उसको 81 प्रतिशत अंक मिले थे। लेकिन उसका कहना था कि वो अपने नंबरों से खुश नहीं है। उसने मेहनत ज्यादा की थी। हम लोगों ने उससे बोला कि हम लोग बहुत खुश हैं। तुम्हारा रिजल्ट बहुत अच्छा है, लेकिन वो रो रही थी। उसका मन बहलाने के लिए उसको गिफ्ट भी दिए। घूमने भी गए। लेकिन उसके बाद भी उसने ये कदम उठा लिया।
हमीरपुर में फांसी पर लटका मिला छात्र
हमीरपुर के इंटर के छात्र अंश ने रविवार सुबह 5 बजे छत से नीचे उतरकर कमरे में फांसी लगा ली। छात्र अंश निषाद के चाचा ने बताया कि शनिवार को रिजल्ट आने के बाद से ही अंश परेशान था। उसे 500 में से 272 नंबर मिले थे। मैथ को छोड़कर उसे सभी विषयों में पास था। उसको मैथ में 15 नंबर मिले हैं।
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रिजल्ट देखकर वो घर वापस आया और अपने कमरे में चला गया। फोन भी बंद कर दिया। शाम को जब मैंने उसे रिजल्ट के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो फेल हो गया है। रात में उसने साथ में खाना खाया। फिर छत पर सो गया।
रिजल्ट आने के बाद से रो रहा था अंश
अंश के चाचा ने बताया कि मेरा भतीजा पढ़ाई करने के लिए मेरे साथ शहर में रहता था। उसके मम्मी पापा मोराकांदर गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि अंश रिजल्ट आने के बाद से ही रो रहा था। वो बोल रहा था, अब मैं घर वालों को क्या मुंह दिखाऊंगा। मेरे दोस्त मुझसे आगे हो गए हैं। मुझे फिर से उसी क्लास में बैठना पढ़ेगा।
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चाचा ने बताया कि मेरा भतीजा कम नंबरों से फेल हुआ था। सबसे ज्यादा उसको यही बात परेशान कर रही थी। हम लोगों ने उसको बहुत समझाया, लेकिन फिर भी उसने फांसी के फंदे से लटक कर जान दे दी। मामला सदर कोतवाली कस्बे में रमेड़ी का है। छात्र सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ता था। उसकी उम्र 16 साल थी।
सिद्धार्थनगर में हाईस्कूल की छात्रा ने फेल होने पर सुसाइड कर लिया। ममता ने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी। ममता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ममता और उनकी बहन धनलक्ष्मी एक साथ हाई स्कूल में आर्ट साइड से पढ़ाई कर रही थी। ममता अपनी बुआ धनलक्ष्मी से पढ़ने में अच्छी थी। जब रिजल्ट आया तो ममता की बुआ धनलक्ष्मी पास हो गई, जबकि ममता फेल हो गई। इस बात से वो बहुत दुखी हो गई। शनिवार रात 8 बजे उसने कमरे में जाकर साड़ी से फंदा लगाकर जान दे दी।