चीन और ताइवान के बीच संघर्ष की ये है बड़ी वजह! - Satya Hindi Latest News
December 22, 2024

चीन और ताइवान के बीच संघर्ष की ये है बड़ी वजह!

चीन और ताइवान
 

चीन ने अब ताइवान को निशाना बनाने की ठानी है बता दें की चीन एक अधिक जनसंख्या वाला देश है, चीन हर बार अपने खुराफ़ाति दिमाग की वजह से सुर्खयों में रहता है। बता दें की चीन अब ताइवान के पीछे लगा हुआ है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया की बुधवार को चीन ने ताइवान को घेरने का प्रयास किया था।

जिसके चलते शहर व अन्य क्षेत्रों को खतरा हो सकता है, बता दें की हल ही में कुछ समय पहले चीन के 21 मिलिट्री विमान ताइवान की वायु डिफेंस जोन में घुस आए थे।

जिसके बाद ताइवानी सेना अलर्ट हो गयी और ताइवान के सैन्य अधिकारियों ने चीनी मिलिट्री की हलचल का बताया।

इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर पहुँचीं हैं बता दें, की नैन्सी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर चीन के कुछ नेताओ ने विर्रोध भी किया।अमेरिकी सभा अध्यक्ष के ताइवान दौरे को लेकर चीन ने तावान को घेरने के लिए सैन्य ड्रिल का एलान किया है।

ये भी पढ़े: कौन था, Al Zawahiri अमेरिका ने इस आतंकी को क्यों मारा ?

चाइना की पूर्वी कमांड का कहना है, की द्वीप के माध्यम से हवाई, नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया जायेगा।ताइवान में चीन ने हड़कंप मचा दिया है। जिसके बाद तावान के रक्षा मंत्रालय ने सैंयम बनाने की अपील की है और ताइवान ने अपनी सेना को आदेश दिया है, की वह अपनी चौकियों पर अलर्ट रहें वहीँ जनता से भी निश्चंत रहने को कहा गया है।

लगभग 70 वर्ष से जारी है ताइवान और चीन का संघर्ष

चीन ने ताइवान को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है वाही अमरीकी सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान का पक्ष लेते हुए कहा है की वो उनके साथ हैं, बता दे की चीन को ताइवान के पक्ष का सामना 7 करना पड़ रहा है।

हम जिसे चीन कहते उसके दवा है की ताइवान उसके देश के एक हिस्सा है वहीँ ताइवान का कहना है, की वो चीन का कोई हिस्सा नहीं है ताइवान खुद ही एक अलग मुल्क है, नैंसी ने ताइवान से कहा की अमेरिका इस बार भी ताइवान के साथ है वहीँ चीन इस बयान के बाद और भी चिढ गया।

इस लिए चीन तायवान को अपना बोलता है

बता दें की ऑक्टूबर 1949 में एक गृह में  युद्ध के दौरान राष्ट्रवादियों  को हरा कर कम्युनिस्ट ताइवान दूइप पर भाग गए और दिसम्बर में ताइपे में अपनी सरकार बना कर उन्हीने चीन के साथ संपर्क काट लिया था।

1950 में ताइवान अमेरिका का साथ बन गया कोरिया में कम्युनिस्ट चीन के साथ योध कर रहा था।

अपने इस हमले से ताइवान को बचाने के लिए अमेरिका ने ताइवान जलमध्य में एक बेडा तैनात कर दिया वही बीजिंग को अमेरिका की मजूरी मिल गयी जिसके बाद अमेरिका ने ताइवान से नाता तोड़ बीजिंग के साथ राजनायक सम्बन्ध बना लिया था

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

डायबिटीज आपके शरीर के इन अंगों को नुकसान पहुंचाती है 9 must visit places in Delhi । Satya News Hindi