एक गांव में अनोखी शादी सुनकर रह जाएगें दंग ।
कई बार सुना था की जानवरो की भी शादी करते हैं कुछ लोग लेकिन इस बार ऐसी ही एक ख़बर सामने आईं की सोचने पर मजबूर कर गई
बैंड बाजे पर थिरकते बाराती, मंगलगीत गाती महिलाएं, दूल्हे काे सजाते लोग, बारातियों के खान–पान के लिए तैयार होती मिठाइयां, यह कोई आम शादी की तस्वीर नहीं है। बल्कि यूपी के हमीरपुर में एक अनोखी शादी हो रही है। शादी है एक डॉग और डॉगी की। इनकी शादी को देखने के लिए दूर दराज से लोग पहुंचे हैं। यहीं नहीं, बाराती भी दोनाली बंदूक की ठसक के साथ तैयार हैं। खास बात है इन दोनों का रिश्ता चित्रकूट में तय हुआ था।
जनवर भी करते है अनोखी शादी सत्य न्यूज़ हिंदी के एक लेख के मुताबिक
सुमेरपुर थाना क्षेत्र में महेश्वरी बाबा मंदिर का है। यहां पर त्यागी जी महाराज उर्फ द्वारिकादास महाराज रहते हैं। वे बताते हैं उन्होंने बचपन से कल्लू (डॉग) को पाला है। वह हमारे साथ आश्रम में ही रहता है। मंदिर की रखवाली में हमेशा तैनात रहता है।उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले चित्रकूट में परछठ आश्रम के संत अर्जुनदास से मुलाकात हुई थी।
बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी भूरी (डॉगी) की शादी रचाने की बात कही। पहले तो मैंने मजाक माना। फिर उन्होंने गंभीरता से इस पर विचार करने को कहा। द्वारिकादास महाराज ने बताया कि भूरी पक्ष से आए कुछ लोगों ने 1100 रुपए देकर तिलक भी कर दिया। इसके बाद शादी की तारीख तय हो गई। उन्होंने बताया कि रविवार को बारात मौदहा कोतवाली क्षेत्र के परछछ गांव जा रही है। बारात में करीब 80 से 90 लोग जाएंगे।
ये भी पढ़े कानपुर दंगा: कानपुर दंगों के तार पश्चिम बंगाल और मणिपुर से जुड़ रहे हैं
जनवरों भी करते है अनोखी शादी महेश्वरी बाबा मंदिर में सुबह से ही तैयारी शुरू हो गयी है
महेश्वरी बाबा मंदिर में सुबह से ही गहमागहमी रही। नए कपड़ों में बारात जाने के लिए ग्रामीण आश्रम में पहुंचे। यहीं नहीं कुछ लोग तो बंदूकों के साथ बारात में शामिल होने के लिए पहुंचे। द्वारिकादास ने बताया कि बारात 12 घंटे वाली नहीं है, बल्कि 36 घंटे बाद भूरी को विदा कर लौटेगी। कुछ बाराती महोबा से भी आए हैं।
महिलाओं ने शाम को मंगलगीत गाकर मंदिर से निकासी कराई। डॉगी को पीले वस्त्र पहनाकर मंदिर के दर्शन भी कराए गए। इधर, परछठ में बारातियों के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां हो गई है। टेंट लगाया गया है। मंडप भी तैयार है। ग्रामीण मानसिंह ने बताया कि सुमेरपुर आश्रम से 25 किमी दूर से बारात आ रही है। खाने के लिए पनीर, कालाजामुन, और लड्डू की विशेष व्यवस्था है। बैंड बाजे का भी खास इंतजाम है।
बारातियों के खानपान का है। इंतजाम
बताया गया है l कि करीब 200 जनातियों को न्यौता भेजा गया है। साथ ही, 90 बारातियों के खानपान का इंतजाम है।
हनुमान मंदिर के महंत अर्जुनदास ने बताया कि मैंने भूरी (डॉगी) को बचपन से पाला है। इसलिए मेरी इच्छा थी कि उसकी शादी की जाए। इसलिए यह ठाना है। अब दोनों की शादी होगी।
जब इंसानों के बीच शादी का संयोग हो सकता है तो जानवरों के बीच क्यों नहीं। कल्लू और भूरी के शादी कार्यक्रम को देखने के लिए दूर–दराज के गांव से भी लोग पहुंचे हैं आप इस घटना को मूर्खता , पागलपन , बचपना या अंधविश्वास जैसे शब्दों से भी नवाज सकते हैं क्योंकि पूरी घटना बच्चों के गुड्डा गुड़ियों से मिलती जुलती नज़र आती है